मीडिया घरानों पर छापेमारी केंद्र सरकार की कायराना हरकत -डॉ. शशि कांत सुमन
मीडिया घरानों पर छापेमारी केंद्र सरकार की कायराना हरकत -डॉ. शशि कांत सुमन
दैनिक भास्कर और न्यूज़ चैनल भारत समाचार के दफ़्तरों और उनसे जुड़े लोगों के घरों पर छापे की इंडियन जर्नलिस्ट एसोसिएशन ने कड़े शब्दों में निंदा करती है। इंडियन जर्नलिस्ट एसोसिएशन के प्रमंडल अध्यक्ष मुंगेर डॉ. शशि कांत सुमन ने मीडिया घरानों पर छापेमारी केंद्र सरकार की कायराना हरकत है। यह मोदी सरकार की डराने-धमकाने वाली कार्रवाई है। देश के ख्यात पत्रकारों ने भी छापेमारी को सच को दबाने का प्रयास बताया है।
इंडियन जर्नलिस्ट एसोसिएशन के प्रदेश महासचिव के एम राज ने अपने कर्तव्य का निर्वहन करने से रोकने के लिए सरकार द्वारा प्रवर्तन एजेंसियों के माध्यम से डराने-धमकाने की ऐसी कार्रवाई की निंदा की है।
मध्य प्रदेश सहित तीन राज्यों में दैनिक भास्कर के 40 ठिकानों पर आयकर विभाग द्वारा छापेमारी की गई। भोपाल के अरेरा कॉलोनी में रहने वाले अख़बार के मालिक सुधीर अग्रवाल के घर पर भी छापेमारी की कार्रवाई हुई। बाद में ऐसी ही ख़बर यूपी के भारत समाचार चैनल और इसके मुख्य संपादक ब्रजेश मिश्रा के ख़िलाफ़ आयकर छापे की आई।
इस कार्रवाई के ख़िलाफ़ सोशल मीडिया पर लोगों ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। इंडियन जर्नलिस्ट एसोसिएशन मुंगेर जिलाध्यक्ष सैफ अली ने मीडिया घराना के ऊपर की गई छापेमारी की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि मीडिया द्वारा निष्पक्ष पत्रकारिता करने के लिए मोदी सरकार ने उनके ख़िलाफ़ बदले की कार्रवाई की शुरुआत की है।
वरिष्ठ पत्रकार मनीष कुमार ने कहा कि जिस दिन दैनिक भास्कर ने वह ख़बर छापी थी उसी दिन साफ़ हो गया था कि छापामार दस्ता कभी भी पहुँच सकता है। कार्यकारी अध्यक्ष धन्नामल ने दैनिक भास्कर के कार्यालयों व भारत समाचार के पत्रकार के घर छापेमारी की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि मीडिया घरानों में पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर छापेमारी करना लोकतंत्र की हत्या करने जैसा है। ऐसे कायराना हरकत पर अविलंब रोक लगाए जाने की जरूरत है। वरिष्ठ पत्रकार जिला उपाध्यक्ष संजय प्रसाद सिंह, प्रिंस कुमार दिलखुश सहित इंडियन जनर्लिस्ट एसोसिएशन मुंगेर के तमाम सदस्यों ने मीडिया घरानों के ऊपर छापेमारी की कड़ी निंदा करते हुए इस मामले को सुप्रीम कोर्ट को स्वतः संज्ञान लेते हुए कार्रवाई करने की जरूरत है, ताकि लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ की रीढ़ बची रह सके।
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