उत्तर प्रदेश में मानसून सक्रिय, मुरादाबाद में रेलवे ट्रैक पर भर गया पानी
उत्तर प्रदेश में मानसून सक्रिय, मुरादाबाद में रेलवे ट्रैक पर भर गया पानी
लखनऊ-उत्तर प्रदेश में अब मानसून सक्रिय हो गया है। बीते तीन दिन से प्रदेश में बरसात जारी है। समूचा उत्तर प्रदेश बादलों की आगोश में है। पहाड़ों में भी बरसात के बाद प्रदेश की नदियों का जलस्तर काफी बढ़ रहा है। प्रदेश में नदियों के किनारे वाले क्षेत्रों को भी खाली करने का अलर्ट जारी किया गया है।
उत्तर प्रदेश में लगातार तीन दिन से हो रही बारिश के कारण मौसम काफी खुशगवार हो गया है और किसानों के चेहरे भी खिल गए हैं। इसी बीच बारिश के कारण शहरों में जगह-जगह जलभराव की स्थिति भी बन गई है। इसके साथ ही प्रदेश में नदियां भी उफान पर हैं। वाराणसी में जलभराव का खराब स्थिति होने के कारण ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वहां पर नगर विकास विभाग के साथ ही जल निगम के शीर्ष अधिकारियों को भी सख्त चेतावनी दी।
मुरादाबाद में डूबा रेलवे ट्रैक
पीतलनगरी मुरादाबाद में लगातार हो रही बारिश की वजह से रेलवे ट्रैक पर पानी भर गया। नई दिल्ली-लखनऊ रेलवे ट्रैक पर पडऩे वाले मुरादाबाद रेलवे स्टेशन के ट्रैक पर पानी भरने के बाद रेल कर्मी सक्रिय हो गए। इन सभी ने इसके बाद पंपिंग सेट की मदद से पानी निकाला।
मुरादाबाद मंडल में मौसम विभाग में शुक्रवार को बारिश का अलर्ट जारी किया था। यहां पर शुक्रवार से जारी बारिश के कारण शनिवार को काफी जगह पानी भर गया। इससे काफी लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा है। अभी यहां पर बारिश रहेगी। मंडल के रामपुर, अमरोहा व सम्भल में भी झमाझम बारिश हुई। सम्भल के चन्दौसी में बारिश से सड़कें तालाब बन गईं हैं।
बिजनौर में उफान पर गंगा नदी, तट पर फंसे मजदूरों को बचाया
बिजनौर तथा पास के जिलों के साथ उत्तरांचल में लगातार बारिश के कारण गंगा नदी में जल का स्तर काफी तेजी से बढ़ा है। बिजनौर में गंगा नदी के किनारे के क्षेत्र में अलर्ट जारी किया गया है। एसपी धर्मवीर सिंह ने बताया कि लोगों से अपने मवेशियों को तट के पास से हटाने के लिए कहा जा रहा है। हरिद्वार से छोड़ा गया पानी क्षेत्र में बाढ़ ला रहा है। गंगा नदी के बढ़ते जलस्तर में फंसे कई मजदूरों को पुलिस के साथ पीएसी ने रेस्क्यू करके बचाया। बीती रात दो बजे के करीब पुलिस को सुचना मिली की गंगा किनारे बसे खीरा ककड़ी खरबूज तथा तरबूज की फसल पैदा करने वाले पांच मजदूर गंगा नदी मे फंस गए हैं। पुलिस ने मुरादाबाद से पीएसी की फ्लड टीम को बुलाकर चार घंटे नाव से ही रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जिसके बाद सभी को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। यह लोग अचानक पानी बढऩे के कारण पेड़ों पर चढ़े थे। बिजनौर के नागल व बेगावाला क्षेत्र में मजदूरों को बचाकर उनके-उनके घर भेजा गया है।
बिजनौर से सटे मण्डावर में तकरीबन दर्जन भर से अधिक गांव तो गंगा नदी के किनारे बसे हुए हैं। इनकी आबाद भी 50 हजार से अधिक है। पहाड़ों पर हो रही तेज बारिश की वजह से गंगा नदी अपने उफान पर है। उत्तराखंड के हरिद्वार से तीन लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के कारण बिजनौर के छह गांव राजारामपुर, मीरापुर, कुंदनपुर टीप ,देवलगढ़ ,रघुनाथपुर व कोहरपुर में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है।
बलरामपुर में राप्ती नदी लाल निशान से मात्र तीन सेंटी मीटर दूर
बलरामपुर में राप्ती नदी का जल स्तर तेजी बढ़ रहा है। राप्ती नदी 104.590 मीटर पर बह रही है। खतरे का निशान 104.620 है। नदी का जलस्तर बढऩे से तटवर्ती गांव के आसपास बाढ़ का पानी भरने लगा है। गौरा चौराहा-तुलसीपुर मार्ग पर दतरंगवा, भुसैलवा व सिंघवापुर डिप पर पानी का बहाव तेज होने से आवागमन प्रभावित हो गया। शनिवार सुबह से बादल छाए हैं। हवा
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